इंसानियत के सीने पे तबाही ,
भायिचारी का मिसाल और पता था जहा ,
जाने किस बात की लड़ाई है वहा ?
दहशत का यह माहोल ,
और लाचारी है हर जगह !
जाने किस बात की लड़ाई है वहा ?
हर त्यौहार और ईद के मौके सदियों से मिलके है मनाये ,किसी में है दम जो इन खुशियों को मिटादे ?
कौम हो कोई भी ,मज़हब चाहे जो भी हो
सभी एकता का महत्त्व सिखाते है ! कैसे बिछड़ गए किसी के जुदा करने के साजिश से
क्या अपने उसूल इतने कमजोर है की पल भर में
प्यार से खफा हो जाए और अपने ही भाईयों से बिछड़ जाए ?
अब तो रूठे पल को रुक्सत करदो
और खुशहाली को गले लगालो!
और दुनिया को बतादो की हम हिन्दू मुसलमान से पहले हिंदुस्थानी है !
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Written By :SUDHIR