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Sunday, November 28, 2010

Alvida

बिन बुलाये ज़िन्दगी में बहार बनके आगये ,
और बिन बताये ज़िन्दगी से जान बनके  चल  दिए ,
अनचाहे अरमानो को आप के
अदाओं के एहसास उक्सागये !
अधूरे  सपनो को तोड़ के ....
अँधेरे में आप हमें जगा गए !

दिल की वीरानियो को घेरी है
अधूरी कहानियां ,
जो पूरी ना हुई आप के बिना .बहार बनी थी ज़िन्दगी पर ,
प्यार के ख्व्वाब सब पतझड़ बन के टूट गए
दिल ऐसा देहेख ने लगा की ,
पूरा जग का धुप भी कम लगने लगा !

मेरी ज़िन्दगी के आसमान में चाँद बनके छा गए !
पर किस्मत बने बादल के आड़ में आप  कही गुम हो गए !
आप के यादों से बरसे आसूं के बारिश में भी आप के
चाहत का सतरंगी इन्द्र धनुष सजता है !
हकीकत में आप और आप की हसी हासिल ना हुई ,
मेरे सपनो का साहिल बनके भी आप कही उजड़ गयी !
जानते है जो खो दिए वो ना पा सकेंगे ,
पर डरते है क्या हम कभी फिर प्यार कर सकेंगे !

Written By: Sudhir