माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ ,माँ,
ममता का मूरत
प्यार की परछाई बनकर
मंदिर सी गोद में समेट कर
दुनिया की हर रुसवाई से बचाती है माँ !
बचपन में कहानी सुनाके सुलाती है ,
आसमान में चंदा दिखाकर खिलाती है !
हर जीत को मनाती है
दर्द को पहचान कर अप्नालेती है और
बाहों में लेकर दिलासा देती है !
ज़िन्दगी का महक उसकी आँचल में है ,
सादगी का मिसाल उसके आँखों में है !
कही अरमानो से हमें जनम देती है ,और सारे आरजुओं को भूल कर ,
हमारे खुशियों में उसकी खुशिया पाकर मचल जाती है !
और हमारे तकलीफ देख कर पिगल जाती है !
दुनिया में बस माँ है जो हमें एहसास दिलाती है की दुनिया में हम सब से बेहतर है!
और हमारे ज़िन्दगी के हर मोड़ पे दुनिया बनकर साथ देती है .....ज़िन्दगी की बरकत
करुणा का फितरत
महब्बत की इबादत
और हम साया बनके अपनी प्यार की छाव में हमें पनाह देती है ......
इसीलिए दुनिया में दो ही शब्द है जिनको पवित्र माना जाता है एक है ॐ और दूसरा है माँ ....
माँ,माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ, माँ माँ,
In memory of my granny I dedicate this poem to all the mothers on the auspious mothers day....
especially to my అమ్మ ....
Written by :Sudhir
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