चाहत का दिन आगया जिस का हर दिल इंतज़ार कर रहा है ,
सारे जग में आज प्यार से खिला बहार है...
सारे जग में आज प्यार से खिला बहार है...
रात भी अँधेरे से अनजान बन कर रह जायेगी .
कोई किसी पे उम्मीद लगाया हुआ है , तो कोई हमसफ़र के साथ
उमंग में डूबा है..
मिलते दिलो और मचल्ते प्रेमियों से सारा जहा सज रहा है..
मोहब्बत एक इबादत है, जिस की फितरत में
बस चाहत ही चाहत है,,,
दिलो का मेला लगा है जिस में आज सारा जग झूला झूल रहा है.
बहती हवाएं भी प्यार के तराने गुनगुना रहे है...
और गगन भी ख़ुशी से बदलो के साथ ज़ूम रहा है..
सूरज को सिन्दूर बनालो ,
तारो को मांग में सजादो ,
चाँद सी महबूब को अपनी दुनिया बनालो ,
उसके आँखों में बसे सागर से गहरे प्यार में
अपनी कश्ती बनाके खुशियों के लहरों तले ज़िन्दगी का सफ़र करते रहो...
Written by:-Sudhir