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Friday, February 26, 2010

beautyful day.



सूरज चंदा का नूर ,महकी हवाओं का सुरूर
झील झरनों का गुरूर
सब तुम्हारे खूबसूरती के सामने फिसूल है !

तारों के गहनों से सज कर ,बहारों का आँचल ओढ़ कर ,
जब तुम निकलो तो ऊंचे पहाड़ भी तुम्हारे आगे झुख जाए ...
ज़ालिम दुनिया की बुरी नज़रों के डर से हमें यूं ना तडपाओ
बस अपनी चाँद से चेहरे पे काले बादल का कजरा लगालो !

प्यासी दिल की गहराईयों में चाहत तेरी ऐसी बसी है ,
ऐसा लगता है जैसे तेरे बिना ज़िन्दगी मेरी बस कमियों से भरी है !
तेरी चाहत में बस जीए जा रहे है यह बेजान सी अधूरी ज़िन्दगी !
पर दुआ करता हूँ की तुम जहा भी रहो ऐसे ही ख़ुशी से मुस्कुराती रहो
और मेरे दिल की और इस कुदरत की रौनक बढ़ाती रहो!

Written By :- Sudhir

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