तन मन मेरा उड़ता जाए गगन में उड़ते पंची जैसा I
तेरे बारे में जब सोचू देखने तुझ को मेरा जी चाहे
सामने जब तू आजाये पलखे मेरी बस झुक जाए,
तू जो अपनी नजरे झुकादे जिंदगी में मेरे अँधेरा छा जाए
एक मुस्कान तेरी सावन की बरखा ला दे
तेरी एक नज़र मेरे दिल के सौ अरमान जगादे I
प्यार का पहला एहसास तुम हो कैसे तुम को ये समझाऊँ
दिल में मेरे बस एक तुम हो कैसे तुम को ये बतलाऊं ,
दिल की बातें जबान से ना निकले कैसे तुम से इज़हार में करू
एक दिन आये जब तू मेरे साथ हो भगवान् को दिल से यह दुआ करू I........
Written by:Sudhir
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